*ABHIJEET RANE (AR)* भाजपा द्वारा मनसे प्रमुख राज ठाकरे के पुत्र अमित ठाकरे को मंत्रिमंडल में शामिल करने की पेशकश शिवसेना के जले पर नमक छिड़कना है। अमित को मंत्री बनाने का निर्णय शिवसेना में ठाकरे परिवार के प्रभाव को कम करने की एक और कोशिश हो सकती है। फिर तो आदित्य ठाकरे बनाम अमित ठाकरे लड़ाई शुरू होनी ही है। www.abhijeetrane.in
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भाजपा का अमित ठाकरे पर दांव शिवसेना को सिर्फ और सिर्फ चोट पहुंचाने के लिए है। इससे शिवसेना को सबसे ज्यादा नुकसान होने की संभावना है। बीते कुछ वर्षों में शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे को शिवसेना की कमान संभालने के लिए तैयार किया गया है। ऐसे में अमित ठाकरे को कैबिनेट में लाने के कदम को आदित्य के लिए सीधी चुनौती के रूप में देखा जा रहा है। अमित और आदित्य दोनों को युवा नेताओं के रूप में पेश किया जा रहा है ताकि वे युवाओं को अपने खेमे में ला सकें। www.abhijeetrane.in ◆ *ABHIJEET RANE (AR)* मंत्रिमंडल विस्तार टलने का असली कारण: दरअसल, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट ने कुछ 'वजनदार' विभागों की मांग करके भाजपा नेतृत्व का सिरदर्द बढ़ा दिया है। शिंदे को 19 मंत्री पद चाहिए। उन्हें ऊर्जा, लोक निर्माण, उच्च और तकनीकी शिक्षा विभाग भी चाहिए। जबकि भाजपा ऐसे विभागों को त्यागने के लिए तैयार नहीं है, इसलिए कैबिनेट विस्तार पर अभी भी चर्चा चल रही है। www.abhijeetrane.in ◆ *ABHIJEET RANE (AR)* शिंदे गुट और भाजपा के बीच मतभेद शुरु हो चुका है। शपथ ग्रहण समारोह के समय भाजपा शिंदे गुट को 13 विभाग देने पर सहमत थी लेकिन अब शिंदे गुट को 19 मंत्री पद की चाहत है। भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री बनने के बाद 19 मंत्री पद देने से इनकार कर दिया। वहीं शिंदे और उनके समर्थक विधायक अपनी मांग पर अड़े हैं। इससे पता चलता है कि दोनों समूहों के बीच मतभेद शुरू हो चुका हैं? www.abhijeetrane.in ◆ *ABHIJEET RANE (AR)* मुझे लगता है कि एकनाथ शिंदे गुट और भाजपा के बीच मतभेद जल्दी सुलझ जाएगा। क्योंकि राजनीति के नए चाणक्य देवेंद्र फडणवीस इतने समर्थ हैं। शिंदे चाहे ऊर्जा, लोक निर्माण और उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभागों की मांग करें या कुछ। पर देवेन्द्र फडणवीस जी इसे सुलझा लेंगे। www.abhijeetrane.in
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