◆ जिंदगी में जो बदलाव हो रहे हैं, उन्हें खुशी से मंजूर कीजिए
जिंदगी कोई ठहरा हुआ जल नहीं, एक बहती हुई धारा है जो हर क्षण बदलती है। जैसे इस छोर से उस छोर तक दुनिया का फेरा डालती हवा हर पड़ाव पर एक नई गंध अपने भीतर समेटती जाती है। ठीक वैसे ही हमारा मन, हमारा जीवन भी समय के साथ आगे बढ़ते हुए पुरानी लकीरें छोड़ता जाता है और नए नक़्श बटोरता जाता है। जैसे कि कोरोनाकाल में जिंदगी में हुए बदलाव। आप सब देख रहे हैं कि कोरोना जल्दी जाने वाला नहीं, इसलिए इसे अपनी जीवन शैली बनाना ही होगा। वैसे, हममें से बहुत से लोग चाहते हैं कि जीवन हमेशा एक जैसा बना रहे। कभी कुछ न बदले। कहीं कोई परिवर्तन न हो। और इसके लिए वे ख़ासी मशक़्क़त भी करते हैं, लेकिन वे भूल जाते हैं कि इस धरती पर केवल एक ही चीज़ तय है और वह है बदलाव। इसलिए बदलाव से भागने की यह मशक़्क़त उन्हें तनाव के सिवाय और कुछ नहीं देगी। और इसीलिए अगर आप ऐसा जीवन चाहते हैं जहां कुछ न बदले, तो इसका अर्थ है कि आप असंभव की कामना कर रहे हैं। ख़ुद को बिला वजह तनाव की राह पर धकेल रहे हैं। जबकि जीवन की असल ख़ुशी और मन का सच्चा आनंद बदलाव से भागने में नहीं, मुस्कुराते हुए, पूरे हौसले के साथ आगे बढ़कर उसे गले लगाने, उसे स्वीकारने में है। तो जिंदगी में जो बदलाव हो रहे हैं, उन्हें खुशी से मंजूर कीजिए। *@ अभिजीत राणे*
◆ केंद्र सरकार आखिर क्यों सरकारी बैंकों के निजीकरण के पीछे पड़ी हुई है, समझ में नहीं आता।
दो बैंकों के निजीकरण के विरोध में 10 लाख बैंक कर्मचारियों की आज व कल हड़ताल है।
मेरा इस हड़ताल को समर्थन है। *@ अभिजीत राणे*
◆ हमें, हम सभी को बेहद सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि कोरोना संक्रमण के 87 फीसदी मामले सात राज्यों-- महाराष्ट्र, केरल, पंजाब, कर्नाटक, गुजरात, तमिलनाडु व मध्यप्रदेश में ही हैं।
सर्तक रहें, सावधान रहें। *@ अभिजीत राणे*
◆ एनकाउंटर स्पेशलिस्ट सचिन वाझे का मामला तो काफी काफी गंभीर है। 60 ज्यादा एनकाउंटर करने वाले वाझे 14 साल तक पुलिस से बाहर रहे हैं। उनसे 13 घण्टे पूछताछ हुई है। 3 और आईपीएस अधिकारी शक के घेरे में हैं। महाराष्ट्र पुलिस के 2 दर्जन पुलिसकर्मी व कई मुखबिरों पर जांच एजेंसी की निगाह है। ये मामला इतना संगीन है कि इसकी जांच एनआईए की 15 टीमें कर रही हैं।
देखना है कि आगे क्या होता है। हड़कम्प तो मच ही गया है। *@ अभिजीत राणे* www.livemumbaimitra.com
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