एंटीलिया मामले में सचिन वाझे, परमवीर सिंह व अनिल देशमुख ऐसे गुत्थमगुत्था हुए कि उद्धव सरकार में हलचल मच गई है। अनिल देशमुख की कुर्सी खतरे में आ गई है। शिवसेना सांसद संजय राउत ने इसे लेकर शायराना अंदाज में ट्वीट कर दिया है कि "हमको तो बस तलाश नए रास्तों की है। हम हैं मुसाफिर ऐसे जो मंजिल से आए हैं।"
अब देखना है कि शिवसेना को कौन से नए रास्ते मिलते हैं?
@ अभिजीत राणे
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✒️ कोरोना स्प्रेडर ग्रुप की ऐसी तैसी होने का वक्त आ गया। जो भी भीड़भाड़ के इलाके या जगहें हैं वहां पर नागरिकों का एंटीजेन टेस्ट होगा ही। नागरिकों की सहमति के बिना। जो इनकार करेगा उस पर महामारी कानून के तहत कार्यवाही होगी।
27 मॉल, 7 रेलवे स्टेशन, 4 बस डिपो समेत सभी समुद्र तटों पर होंगे टेस्ट।
@ अभिजीत राणे
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✒️ परमबीर सिंह की गुगली तो चल चुकी है, पर गृह मंत्री अनिल देशमुख का डिफेंसिव स्ट्रोक भी कम नहीं है।
कहते हैं न कि हमाम में सब नंगे होते हैं।
@ अभिजीत राणे
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✒️ जय हो हमारी संस्कृति। भारतीय संस्कृति, रीति-रिवाज, रहन-सहन, खानपान और परंपराओं के आगे कोरोना नतमस्तक रहा और भयावह रूप नहीं ले सका। विदेश में कोरोना से लाखों मौतें हुईं, जबकि वहां के मुकाबले यहां हालात सामान्य रहे।
नमस्ते और प्रणाम की परंपरा ने रोका संक्रमण। एक शोध में कुछ क्षेत्रों को शामिल करके विशेषज्ञों ने ग्रामीणों के बीच समय गुजारा। उन्हें भारतीय परंपरा में खाने से पहले हाथ-पैर व मुंह धोने, शौच व लघुशंका के बाद हाथ धोने की अच्छी आदतें मिलीं। अभिवादन का तरीका प्रणाम या नमस्ते है, जिससे शारीरिक दूरी का पालन हुआ। विदेश में एक-दूसरे से मिलने पर लोग गले मिलते हैं, चुंबन करते हैं, हाथ मिलाते हैं, जो वहां संक्रमण के प्रसार का बड़ा कारण बना।
@ अभिजीत राणे
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